आज के इस प्रतिस्पर्धा के समय में प्रत्येक व्यक्ति सबसे आगे रहना चाहता है, इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहता है। बात चाहे किसी परीक्षा की हो या सड़क पे गाड़ी दौड़ाने की सभी एक दूसरे से आगे जाने के लिए आतुर रहते हैं, बात जब परीक्षा या अन्य किसी प्रतिस्पर्धा की हो तो आगे रहने की ललक स्वाभाविक है क्योंकि यदि प्रतिस्पर्धा जीतनी है तो आगे ही रहना होगा। परन्तु क्या सड़कों पे हवा को चीरते हुए अधिकतम रफ़्तार के साथ गाड़ी भगाना सही है?
आजकल की व्यस्त दिनचर्या के चलते सबको जल्दी रहती है, और सबकी रफ़्तार को कम करने के लिए एक नाम आता है " ट्रैफिक "।
भारतीय सड़कों में ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है, इसके लिए सरकार भी हमेशा से प्रयास कर रही है और उन सभी प्रयासों पर हमारी जनता पानी फेर देती है, क्या करें सबको आगे जो रहना है, कोई हमसे आगे हो जाये ये बात हम बर्दास्त नहीं कर सकते।
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कल जब मैं ट्रैफिक जाम में फंसा हुआ था तब मैंने देखा कि एक कार के ट्रैफिक नियमों को नही मानने के कारण 30 मिनट तक जाम लगा रहा केवल एक कार के कारण। इसी बीच सभी लोग अपने आप को सबसे आगे रखते हुए, औरों को डांटते हुए ट्रैफिक की समस्या को बढ़ाते जा रहे थे।
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ट्रैफिक की समस्या हमारे देश में आम बात है लेकिन इस समस्या का हल निकालने की जिम्मेदारी जितनी सरकार की है उससे कहीं ज्यादा हम नागरिकों की है, सरकार चाहे जितने प्रयास कर ले जब तक देश की जनता उसका साथ नहीं देती सब बेकार है। सरकार केवल सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है उसका उपयोग हम कैसे करते हैं ये हमारे ऊपर निर्भर करता है। ऊपर उल्लेखित ट्रैफिक जाम में कार के गलत दिशा में जाते ही यदि बाकी गाड़ियों ने कुछ पल रुक कर यदि पहले कार को जाने दिया होता, तो वो जाम ही नहीं लगता हां कुछ पल की देरी होती शायद 1 मिनट लेकिन फिर भी वो 29 मिनट बचा लेते जो कि उन्होंने आगे रहने के चक्कर में व्यर्थ ही गंवा दिये।
" हमे जल्दी पहुंचने की ओर ध्यान रखना चाहिए ना कि पहले पहुंचने पर " पहले पहुंचने के चक्कर में हम ट्रैफिक नियमों की अवमानना करते हुए ट्रैफिक जाम लगा देते हैं और देर से पहुंचते हैं, इससे तो अच्छा ही है कि भले पहले न पहुंचें पर जल्दी पहुंचें।
सरकार ट्रैफिक नियमों को लागू कर सकती है, परन्तु ये नियम तभी सफल होंगे जब हम सब इन नियमों का पालन करेंगे। ये नियम हमारी सुरक्षा एवं सुविधा के लिए ही लागू किए जाते हैं इसलिए हमें इसका पालन करना चाहिए।